ग़जब की चीज है मुस्कुराहट
आ जाती है , खुद-ब-खुद
न कोई पता बगैर किसी आहट
रोता है दिल तो आती है
हंसती है महेफिल तो आती है
आती है मुस्कुराहट बेवजह
ना कोई पता बगैर किसी आहट
पर कई दिनों से
घट रहा जब सब कुछ
हो रहा जब सब कुछ
सब कुछ सहना ही रह गया
जीवन में कुछ
कोशों दूर कड़ी मुस्कुरा रही
ये स्वार्थी मुस्कुराहट
ना कोई पता बगैर किसी आहट................... ।
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