मन का लहर
सुन्दर होता है कितना
आसमान में चमचमाते
टिमटिमाते तारों जैसा
चमकाना भी क्या
होता है सुन्दर इतना
या स्तित्व मात्र
नदी के किनारे
लहर के झोकों से
थक , हर , बैठे सुस्ताये
रेतीले खंडहरों जितना
होता है बस इतना
मन का लहर सुन्दर
बुझे बुझे रेतीले खँडहर जितना .........
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