इन फूलों की कौन कहें
जो पा मौसम मदमाते हैं
अपनी सुन्दर काया से
मानव मन हरसाते हैं
लोभ रूप संवरण का ऐसा
लालच पुष्प की भंवर को जैसा
फिर चिंता कैसी डर और कैसा
पाओ जैसी खींचो वैसा
रूप रहे न मिलेगी काया
यहि जीवन का नाम ही माया
ऐसा ही कुछ नियम सृष्टि का
भाग्य सभी आजमाते हैं
देख रूप लावर्न्य पुष्प का
इर्द-गिर्द मंडराते हैं , पर
बदकिस्मत , हतभाग्य विधि का
कुछ तो कुछ पा जाते हैं
बाकि व्यर्थ समय गंवाते हैं ....... .
जो पा मौसम मदमाते हैं
अपनी सुन्दर काया से
मानव मन हरसाते हैं
लोभ रूप संवरण का ऐसा
लालच पुष्प की भंवर को जैसा
फिर चिंता कैसी डर और कैसा
पाओ जैसी खींचो वैसा
रूप रहे न मिलेगी काया
यहि जीवन का नाम ही माया
ऐसा ही कुछ नियम सृष्टि का
भाग्य सभी आजमाते हैं
देख रूप लावर्न्य पुष्प का
इर्द-गिर्द मंडराते हैं , पर
बदकिस्मत , हतभाग्य विधि का
कुछ तो कुछ पा जाते हैं
बाकि व्यर्थ समय गंवाते हैं ....... .
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