याद आता है
बतलाना उनका
व्यवहार भाव आदर का
खाट छोड़ धीरे
गोड्वारी से सिरहाने तक
सरक जाना उनका
याद आता है
पूछना हाल चाल
ढंग से मुस्कुराना ,
हँसना, नत नयन कर
पाय लागी पंडित जी कहना
हलके से सिर को झुकाकर
रूप उनका आ जाता है
सामने पूरा का पूरा
और मैं .....
सोचता रह जाता हूँ तब
क्यों ? क्यों आखिर
ऐसे लोग मरा करते हैं
खुश हो स्वयं
धन्य कर अपने को
दुखी दूसरों को किया करते है ...... .
बतलाना उनका
व्यवहार भाव आदर का
खाट छोड़ धीरे
गोड्वारी से सिरहाने तक
सरक जाना उनका
याद आता है
पूछना हाल चाल
ढंग से मुस्कुराना ,
हँसना, नत नयन कर
पाय लागी पंडित जी कहना
हलके से सिर को झुकाकर
रूप उनका आ जाता है
सामने पूरा का पूरा
और मैं .....
सोचता रह जाता हूँ तब
क्यों ? क्यों आखिर
ऐसे लोग मरा करते हैं
खुश हो स्वयं
धन्य कर अपने को
दुखी दूसरों को किया करते है ...... .
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