सुबह चला सूरज उगा
कलियाँ खिलकर छा गयी
तेजस्विनी किरणे दिनकर की
मन मंदिर तक आ गयी
उठो प्रिये ! प्रात पुण्य का
प्रेमपूर्ण संवाद करो
पुष्पित हो पल्लवित धरा ये
न समय और बर्बाद करो ...... .
कलियाँ खिलकर छा गयी
तेजस्विनी किरणे दिनकर की
मन मंदिर तक आ गयी
उठो प्रिये ! प्रात पुण्य का
प्रेमपूर्ण संवाद करो
पुष्पित हो पल्लवित धरा ये
न समय और बर्बाद करो ...... .
1 टिप्पणी:
Very good sir. Realy we should not waiste our time. sir aap mere blog ko nai parh rahe hai .....
mera blog - p-pandeyashish.blogspot.com
sir jaroor read kariye aur kuchh kamiyaan ho to jaroor bataiyega aur aap ka number b mere paas nai hai jo number diye the wo connect he nahi ho pata .......
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