ये दुनिया अजीब है
सब कुछ होता है नया
सिवाय पुराने के बगैर
बदलती है रोज तस्वीर नगर की
बनती एक दीवाल जब घर की
छत की चाहत ने किया मटियामेट
नगरीकरण की अभिलाषा को
सिवाय किसी अच्छा के बगैर .....
सब कुछ होता है नया
सिवाय पुराने के बगैर
बदलती है रोज तस्वीर नगर की
बनती एक दीवाल जब घर की
छत की चाहत ने किया मटियामेट
नगरीकरण की अभिलाषा को
सिवाय किसी अच्छा के बगैर .....
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