फिर
वही रास्ते मिले
मोड़ वही
गुजरते थे जहां से
कुछ दिनों पहेले भी
वही दूब
कंकर वही
भूमि वही
बंजर परी
वही रास्ते
ईंटो के खडंजे
मिट्टियों की बनी
दिख रहे हैं
वही का वही
पर
हम बदल गये
विचार हमारे
व्यवहार हमारे
जो रहा करते थे
नहीं रहे वही
क्या बदलेंगे वे रास्ते भी
जो अब भी पड़े हैं
वहीं के वहीँ
जहां से हम चलते थे
खड़े जो अब भी
दिख रहे
वहीं का वहीं ........
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