मजबूरियाँ ही है
एक को
एक से मिलाती हैं
मजबूरियाँ ही है , एक को
एक दूसरे से दूर ले जाती हैं
समझ नहीं आता
मजबूरियाँ ये कहाँ से आती हैं
हर किसी को स्वयं में उलझाए
इतनी ऊर्जा वह और कहाँ से पाती है
संतो के गलियारों से
बधिक के हथियारों से
गुजरती हुई टकराती है ये मजबूरिया
लोहार के औजारो से
कूटता है वह आग से तपाकर
ठोक ठोक कर
झुका झुका कर एक नया रूप देता है लोहे को
वह पसीना अपना बहाकर
ख़त्म नहीं होती मजबूरियां
समझता है वह किस्मत की दूरिया
कोशिश करता है किसान
होगी ख़तम मजबूरिया
होगा नया विहान
कुदाल, फावड़ा, खुरपी , पलरी लेकर
दिन भर बिताता है खेत में वह
खटते खटते हो जाती है शाम
न कही कोई राहत न कही कोई आराम
बिताता रात वह कथरी-गुदरी पर लेटकर
स्वप्न में सोचता है
माथा अपना टेककर
न हुई वर्षा अगर
जल जायेंगे सारे फसल
दरअसल
बीज भी नही है
साथ उसके डाई , यूरिया या
खाद भी नही है
बीमार है औरत दवा भी लाना है
खाने के लिए घर में
नही मौजूद एक भी दाना है
समझ ही नही आता
क्या लाना क्या पाना है
शास्वत है धरा
शाश्वत है गगन
शाश्वत है समस्याएं
शिवाय इसके और न अभी तक जाना है .
एक को
एक से मिलाती हैं
मजबूरियाँ ही है , एक को
एक दूसरे से दूर ले जाती हैं
समझ नहीं आता
मजबूरियाँ ये कहाँ से आती हैं
हर किसी को स्वयं में उलझाए
इतनी ऊर्जा वह और कहाँ से पाती है
संतो के गलियारों से
बधिक के हथियारों से
गुजरती हुई टकराती है ये मजबूरिया
लोहार के औजारो से
कूटता है वह आग से तपाकर
ठोक ठोक कर
झुका झुका कर एक नया रूप देता है लोहे को
वह पसीना अपना बहाकर
ख़त्म नहीं होती मजबूरियां
समझता है वह किस्मत की दूरिया
कोशिश करता है किसान
होगी ख़तम मजबूरिया
होगा नया विहान
कुदाल, फावड़ा, खुरपी , पलरी लेकर
दिन भर बिताता है खेत में वह
खटते खटते हो जाती है शाम
न कही कोई राहत न कही कोई आराम
बिताता रात वह कथरी-गुदरी पर लेटकर
स्वप्न में सोचता है
माथा अपना टेककर
न हुई वर्षा अगर
जल जायेंगे सारे फसल
दरअसल
बीज भी नही है
साथ उसके डाई , यूरिया या
खाद भी नही है
बीमार है औरत दवा भी लाना है
खाने के लिए घर में
नही मौजूद एक भी दाना है
समझ ही नही आता
क्या लाना क्या पाना है
शास्वत है धरा
शाश्वत है गगन
शाश्वत है समस्याएं
शिवाय इसके और न अभी तक जाना है .
3 टिप्पणियां:
मजबूरियाँ ही है ...
majburiyan kewal majbur logo ke liye hain. yahan to kuch log bhi hain jinse majburiyan bhi majbur ho jati hain.....
unlimited-potential
बहुत सुंदर रचना |
एक टिप्पणी भेजें