सोमवार, 2 जून 2008

अपने हित की बात

मेरी कल्पनाएँ

यादें मेरी

उकसाती हैं मुझे

युद्ध करूं मैं उनसे

सोंचता हूँ मैं

पड़ोसी मेरे ये

सुखी रहें

समृद्ध रहें

क्या लड़ाई

क्या तकरार

पड़ोसी हैं ये बने रहें ऊंचे

नाम होगा मेरा ही ....... ।

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